वज़ाहत को नष्ट करने पर तुला मदहोश है, देखकर मंज़र यहाँ का आईना ख़ामोश है, हर तरफ है दर्द चीखें आ रही मज़लूम की, तबाही का शोर 'गुंजन' मौत का आगोश है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #युद्ध और तबाही#