Nojoto: Largest Storytelling Platform

White वो ग़ज़ल वालों का असलूब समझते होंगे चांद कह

White वो ग़ज़ल वालों का असलूब समझते होंगे 
चांद कहते हैं किसे खूब समझते होंगे

इतनी मिलती है मेरे ग़ज़लों से सूरत तेरी 
कि लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे

मैं समझता था मोहब्बत की ज़बाँ खुशबू है 
फूल से लोग उसे खूब समझते हांगे

देख कर फूल के पन्नो पे शबनम कुछ लोग 
तेरा अश्कों भरा मकतूब समझते होंगे

भूल कर अपना ज़माना ये ज़माने वाले 
आज के प्यार को मायूब समझते होंगे

                      ~बसीर बद्र 











.

©VIMALESHYADAV
  #Hope #बसीर_बद्र