आज एक तस्वीर देखी...... बिना बोले सब कहा उसने, के..... आंखों से आंसुओं की धारा रुकी नहीं थी, उम्र हीं क्या थी, मेंहदी हाथों की सूखी नहीं थी, रोई थी टूट कर मगर, स्वयं वो टूटी नहीं थी, कोई स्त्री साधारण नहीं वो.... उस तस्वीर में पत्नी शहीद की थी। ।। जय हिंद।। -कृष्णामरेश #salute🇮🇳