तुमसे मेरी ज़िन्दगी, तुम अंतर्रात्मा आत्मज्ञान हो, तुम मेरे हो, तुमसे ही मेरी ज़िन्दगी की पहचान हो। ईश्वर ना करे कभी, कोई पल गुज़रे तुम्हारे बिना, जिस पल तेरा साथ छूटे, मेरा भी देहावसान हो। 🌝प्रतियोगिता-86 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"तुम मेरे हो"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I