✍️आज की डायरी✍️ ✍️सीख लिया मैंने...✍️ जबसे ज़िन्दगी में मुस्कुराना सीख लिया मैंने । समझना और समझाना भी सीख लिया मैंने ।। अब खौफ़ नहीं कौन क्या सोचता है मेरे लिए । जबसे ख़ुद को आजमाना सीख लिया मैंने ।। इस जहाँ में मिज़ाज बदलता देख लोगों का । महफ़िलों में आना -जाना सीख लिया मैंने ।। आज का दौर बस फ़रेबियों से भरा हुआ है । अब अपने से दिल लगाना सीख लिया मैंने ।। हर जख़्म को भरने का हुनर आ गया मुझमें । जबसे ख़ुद से मरहम लगाना सीख लिया मैंने ।। जान गया हूँ हर शख़्स के दो चेहरे हैं "नीरज"। शक़्लों को जबसे पहचानना सीख लिया मैंने ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र #meridiary