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raghvendra7664
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डॉ राघवेन्द्र

विद्यावारिधि(Ph. D) ज्योतिष हस्त रेखा विशेषज्ञ

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डॉ राघवेन्द्र

New Year 2025 🌹नववर्ष🌹

आ गया नया वर्ष चलो खुशियां मनाते हैं ।
 फ़िर से इक उम्मीद की ज्योति जगाते हैं ।

बीते साल की गलतियों से सबक लेकर हम ।
नए साल में मन्ज़िल की ओर कदम बढ़ाते हैं ।।

भूलकर किसी का गर दिल दुखाया हो कभी ।
प्यार भरी बातों से फ़िर उन्हें गले लगाते हैं ।।

सपनों का क्या है वो तो बनते बिगड़ते हैं ।
नए साल में फ़िर से एक नया ख़्वाब सजाते हैं ।।

सकारात्मक ही रहना है नए साल में "नीरज"।
नकारात्मकता को आओ हम दूर भागते हैं "।।

💐आपको और आपके परिवार को नववर्ष
            की अनंत शुभकामनाएं.💐

       ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Newyear2025
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डॉ राघवेन्द्र

New Year 2024-25 ✍️आज की डायरी✍️

                 ✍️बीत गया एक और साल✍️

बीत गया आज ये साल भी चलो कुछ यादों को याद कर लें । 
अच्छी बातों को सहेज लें बुरी बातों को नज़रअन्दाज कर लें ।। 

बात इस 'जनवरी' की करूँ तो बस ठंड का एहसास होता है । 
चलो प्यार के प्रतीक 'फरवरी' से ही एक मुलाक़ात कर लें ।।

रंगों की बात चली तो ये खूबसूरत 'मार्च' याद आ गया । 
आओ इस 'अप्रैल' से गर्म भरे मौसम की शुरुआत कर लें ।।

इस 'मई' में हम कई परीक्षाओं के दौर से भी गुजरे थे । 
चलो इस 'जून ' में अच्छे परिणामों का इन्तजार कर लें ।।

ये 'जुलाई ' फ़िर से लेकर आया था पढ़ने- पढ़ाने का मौसम । 
चलो इस 'अगस्त' में अपने देश को फ़िर से आज़ाद कर लें ।।

विजय के पर्व दशहरा को मनाया है 'सितम्बर'-अक्तूबर में ही । 
आओ इन महीनों में शुरू सुहावने मौसम की बात कर लें ।।

दीप जलाकर 'नवम्बर' को उजाले से भर दिया था हमनें । 
चलो फ़िर से इस सर्द 'दिसम्बर' की छुट्टियों की बात कर लें ।।

बीत गया फ़िर.....................

 "खट्टी-मीठी यादों के साथ 💐2024💐को अलविदा"

                           ✍️ नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #NewYear2024-25
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डॉ राघवेन्द्र

Love in 5 Words ✍️आज की डायरी✍️

             तो.... इश्क हो जायेगा.. ✍️

शिकवा -शिकायत लफ़्जों से किया करो। 
निग़ाहें जो मिलाओगे तो इश्क हो जायेगा  ।। 

भुलाने की गर कोशिश हो तो दूरी बना लो  । 
जरा भी पास आओगे तो इश्क हो जायेगा  ।। 

किसी को जानना हो तो चंद मुलाकात कर लो । 
ज्यादा वक्त लगाओगे तो इश्क हो जायेगा  ।। 

चेहरे की खामोशी समझ जाओ तो अच्छा है  । 
दिल में उतर जाओगे तो इश्क हो जायेगा  ।।

किसी के जख्म में मरहम लगाना सही है मग़र । 
उसके दर्द को अपनाओगे तो इश्क हो जायेगा  ।। 

दोस्ती और प्यार के बीच बस इक पतली सी डोर है  । 
उस धागे को पार कर जाओगे तो इश्क हो जायेगा  ।।

      ✍️ नीरज ✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Love
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डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

"सोचो" कितना भी "सोचने" की आदत से निजात पा जाएँ हम ,

ज़िन्दगी के कुछ फ़लसफ़े फ़िर से "सोचने" को मज़बूर कर देते हैं हमें ।।

                                    ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र
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डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी ✍️

      ✍️ छिद्रान्वेषी मानव... ✍️

गज़ब की फ़ितरत है उसकी अपने में बदलाव करता है  । 
जो बात न भी हुई हो उसमें भी इक राज खोजता है ।। 

मुस्कुराहट पर भी उसके यकीन न जाने क्यूँ नहीं होता । 
अपनी हरकतों से वो हरदम इक जलसाज लगता है ।। 

भरोसा जब ख़ुद पर नहीं तो औरों पर क्या करेगा वो  । 
शक्की निग़ाहें उसकी, उसके दिल का पर्दाफाश करता है ।। 

जिसे सब मिल जाए मुकद्दर से मेहनत क्या ही समझेगा । 
किसी का कर्म करना भी उसे बस टाइमपास लगता है ।। 

छोड़ देना सही है ऐसे शख्स को उसके हालत पर "नीरज "। 
सब मिल जाए फ़िर भी जिंदगी से वो हताश ही लगता है ।। 

              ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #KhoyaMan
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डॉ राघवेन्द्र

Unsplash ✍️आज की डायरी✍️

    ✍️लिखने की कोशिश जरूर होती है....✍️

ये अल्फ़ाज़ जो मैं लिखता हूं एक सोच होती है । 
कभी वक़्त से कभी हालात से खाई चोट होती है ।। 

शौक़ नहीं है दर्द -ए-गम को सरेआम करने की । 
सुकून पाने के लिए ये खता हमसे रोज़ होती है ।।

भावनाओं के खेल में कौन जीता कौन हारा है । 
दिल में समझने की ये कोशिश पुरजोर होती है ।।

उदासी की वजह नज़रें ही बखूबी पहचानती हैं । 
चेहरे पर हँसी लाने को ये आँखें मज़बूर होती है ।।

यूँ ही काग़ज और कलम नहीं उठाता हूँ "नीरज"। 
बस रोज़ जज्बात लिखने की कोशिश जरूर होती है ।। 

           ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #Book
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डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

वो अँधेरा ही अच्छा है जिसमें रोशनी की आस नहीं होती । 

उम्मीदों की किरण का बुझ जाना बहुत कुछ तोड़ देता है ।। 

                             ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #LightofHope
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डॉ राघवेन्द्र

night quotes in hindi ✍️आज की डायरी✍️

                        ✍️स्याह रात.... ✍️

रात के सन्नाटे में कई खयालात उभर आते हैं । 
कुछ अनकहे जज़्बात आंखों से छलक जाते हैं ।। 

दिल के गुबार निकल जाते हैं उस तन्हाई में । 
 चारों तरफ़ बस खुद के साये नज़र आते हैं ।।

दिन के शोर से अच्छी है रात की खामोशियां । 
 बेवजह ही लोग अंधेरी रातों से ख़ौफ खाते हैं ।।

भागती ज़िन्दगी में फ़ुरसत कहां रुक जाने की । 
इस रात के बहाने हम कुछ वक़्त ठहर पाते हैं ।।

जो फ़ैसले दिन के उजाले में करना मुश्किल है । 
वो हर फ़ैसला इन्हीं स्याह रातों में लिये जाते हैं ।।
                         
                          ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र
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डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️

फ़रेबियों के साथ रहने में भी कुछ तो तजुर्बा होता ही है "नीरज" । 

इस जिन्दगी को जीने के लिए कुछ दाँवपेंच वो भी सिखाते हैं हमें ।।

                                ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र
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डॉ राघवेन्द्र

White ✍️आज की डायरी✍️

                         ✍️कोई बता दे....✍️

ज़िन्दगी में इतने अफ़साने क्यूँ हैं... कोई बता दे  । 
इस जहाँ के ग़म मेरे दीवाने क्यूँ है...कोई बता दे ।।

साथ सबका देता है ये मुक़द्दर दिखाई देता है हमें । 
बस मेरे लिए सारे बहाने क्यूँ है... कोई बता दे ।।

दिल से दिल का मिलना मुद्दत की बात हो गयी  । 
इतने रंजिशें इस ज़माने में क्यूँ है...कोई बता दे ।।

इश्क़ क्या है इसे समझा पाना बहुत मुश्क़िल है । 
दिल में बजते इतने तराने क्यूँ हैं...कोई बता दे ।।

झेलना तो ताउम्र है ज़िन्दगी के फ़लसफ़े को 'नीरज' । 
ज़ल्दी ही इन्हें सुलझाने क्यूँ है...कोई बता दे ।।

                            ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र #sad_quotes
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