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खर्च किया खुद को इतना जितनी क्षमता थी मुझमें और प

खर्च किया खुद को इतना जितनी क्षमता थी

मुझमें और परिवेश में कितनी विषमता थी ?

पाटना था विषमता को

शुक्रिया माँ की ममता को

पापा की थी प्रेरणा, पथ की दुर्गमता थी

खर्च किया खुद को इतना जितनी क्षमता थी।

©Kavi Hari Shanker
  #खर्च किया खुद को इतना

#खर्च किया खुद को इतना #कविता

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