तुम्हें भले ही ठहरा हुआ क्यों ना दिखे मगर ये समंदर भी कभी बहता है तुम कभी सुनने की कोशिश तो करो ये ख़ामोश कोहरा भी बहुत कुछ कहता है शशांक मिश्र ©shashank #fogg