प्रेम की परिभाषा !! जो तुमसे प्रेम करे उसे खुद से बेहतर बना दो... प्रेम की परिभाषा !! अपरिभाषित ही रहा है सदा से प्रेम फिर भी सुनो ए बांसुरी सी लड़की !! जो तुमसे प्रेम करे उसे खुद से बेहतर बना दो, जो तुमसे प्रेम करे उसे दो सम्मान इतना कि तुमसे पहले मिले उसे सम्मान... लिया जाए नाम उसका पहले जब भी बात हो तुम्हारी,