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इन्तज़ारों में गुज़रे हैं बरसों बहुत, देखते-देखते

इन्तज़ारों में गुज़रे हैं बरसों बहुत,
 देखते-देखते बुढ़ापा आ गया,
अब अंधेरों से शिकवा मैं कैसे करूं,
जब उजालों ने मुझको ही धोखा दिया।

©Ganesh Din Pal
  #ई बुढ़ापा

#ई बुढ़ापा #शायरी

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