जिंदगी भर हम कुछ ना कुछ खरीदते रहते हैं हम सोचते हैं कि यह चीजें हमें शारीरिक और मानसिक सुख प्रदान करेगी असलियत में हमें क्या खरीदना चाहिए यह हमें मालूम नहीं होता दुनिया में बहुत कुछ मिल रहा है हमें समझ नहीं है कि क्या खरीदे और हम पर क्या असर होगा जैसे कि जो चीज हमारे सेहत के लिए अच्छी है तो हम उसे खाएंगे और अगर खराब हो तो हम उसे नहीं खाएंगे यही बात हमारी जिंदगी के आध्यात्मिक पहलू पर भी लागू होती है हम अपने समय सही चीजों को पाने में लगाने चाहिए हर 1 दिन में सिर्फ 24 घंटे का इस्तेमाल अगर सही तरीके से करेंगे तो हम अपनी मंजिल की ओर तेजी से बढ़ेंगे महापुरुष के चरण कमलों में लोग दूर-दूर से इसलिए आते हैं क्योंकि वह उन्हें अध्यात्मिक जागृत देते हैं यदि महापुरुष के चरणों में पहुंचकर भी हमने उनसे पैसे और दुनिया की अन्य चीजें मांग ली तो फिर हमने अपनी असली रूप के लिए कुछ मांगा ही नहीं और ना ही अपनी आध्यात्मिक उन्नति की ओर कदम बढ़ाया हमारी जिंदगी बड़ी अनमोल है अगर हमने उसको बाहरी दुनिया के सुखों में ही व्यतीत कर दिया तो हम असलियत से बहुत दूर चले जाएंगे सतगुरु एक शिक्षक की तरह हमें आत्म ज्ञान देकर ध्यान की विधि सिखाते हैं जैसे-जैसे हम ध्यान अभ्यास करते हैं तो हमें अपने अंतस में प्रभु की दिव्य ज्योति से जुड़कर सदा सदा खुशी प्राप्त करते हैं ©Ek villain #सार्थक जीवन का सूत्र #selflove