मेरे सिरहाने जैसी हो तुम थक कर मेरी कस्ती लगे वो किनारे जैसी हो तुम कैसे वयां करूं मेरे जुबां में शब्द जैसी हो तुम होटों से लगा लूं उस चाय के प्याली जैसी हो तुम सोने से पहले मेरे आंखों में ख्वाब जैसी हो तुम। ©VIJAY PRATAP कैसी हो तुम #Muh_par_raunak