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वो मैं हूँ... गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, मही

वो मैं हूँ...

गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल...
जो काट ना सकोगे वो एक रात मैं हूँ ।

की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात मैं हूँ ।

भीड़ में जब तन्हा, खुद को तुम  पाओगे,
अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ मैं हूँ ।

बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद मैं हूँ ।


# 𝒮𝒶𝓉𝒾𝓈𝒽✍ #वो #मैं #हूँ
वो मैं हूँ...

गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल...
जो काट ना सकोगे वो एक रात मैं हूँ ।

की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात मैं हूँ ।

भीड़ में जब तन्हा, खुद को तुम  पाओगे,
अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ मैं हूँ ।

बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद मैं हूँ ।


# 𝒮𝒶𝓉𝒾𝓈𝒽✍ #वो #मैं #हूँ