Nojoto: Largest Storytelling Platform

स्वयं को सांत्वना देने हेतु मेरे लिये यह जरुरी थ

स्वयं को  सांत्वना  देने हेतु
मेरे लिये यह जरुरी था
कि आखिर  मै अपने ज़ख्मो की  टीस का
क्या इतना  आनंद  ले  रहा हूँ
और क्यों गौरान्वित  हो रहा हूँ
ये सोच  कर  कि मै
कितना  महान  प्रेमी हूँ
क्योंकि  इसी  प्रेम ने मुझे तोड़ कर
चकना  चूर  किया है  ज़ख्म दिया है

©Parasram Arora
  सांत्वना

सांत्वना #कविता

67 Views