भारतीय संस्कृति ने यहां के लोग में वासुदेव कुटुम बंधन के ज्ञान का ऐसा संचार किया है कि हमारे नसों में खून बंद करने लगा प्राकृतिक संस्कृत तौर पर हमारा परिवेश आ जा रहा है कि हम जीव मात्र से प्रेम करते हैं हम अपने प्राकृतिक स्वभाव के अनुरूप सिर्फ प्रेम ही कर सकते हैं हमारे लिए प्रत्येक जीव कुटुंब हमारे ग्रंथों में हमारे प्रेम और प्रार्थना का ज्ञान दिया है सब में मैं हूं और सब मौज में है श्री कृष्ण मंत्री हमारी छाती रही है 12वीं शताब्दी से इसमें बड़ा बदलाव आना शुरू हुआ है जब संस्कृत से बाहर क्यों नहीं बल्कि बिन संस्कृति के लोग भारत आना शुरू हुए थे जब करीब 80000 साल पहले अमरीका से निकले थे तो वह करते हुए आगे बढ़े सफलता में सबसे बेहतर दुनिया में सिर्फ थोड़ा और विस्तार पाया सच होता है आ रही है कि भारतीय जनमानस में स्थापित होती है पर तैयार होती है ©Ek villain #जनमानस को प्रभावित करती फिल्म #LostInSky