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मैंने निरंतर अभ्यास किया है कितने बार सर को धर से

मैंने निरंतर अभ्यास किया है
कितने बार सर को धर से अलग की
ताकि बुद्धि विवेक, कर्म, धर्म
क्रिया - कलाप का अनुबंधन जान सकूँ

मैंने पाया की मस्तिष्क खंड छेदन
एक विकृत नियम कायम करता है

जहाँ स्वैच्छिक और अनैच्छिक
दोनों तरह की गतिविधियों को मस्तिस्क
नियंत्रित करता है

चलो! घमंड अब ढाह देते है

©चाँदनी #outofsight
मैंने निरंतर अभ्यास किया है
कितने बार सर को धर से अलग की
ताकि बुद्धि विवेक, कर्म, धर्म
क्रिया - कलाप का अनुबंधन जान सकूँ

मैंने पाया की मस्तिष्क खंड छेदन
एक विकृत नियम कायम करता है

जहाँ स्वैच्छिक और अनैच्छिक
दोनों तरह की गतिविधियों को मस्तिस्क
नियंत्रित करता है

चलो! घमंड अब ढाह देते है

©चाँदनी #outofsight