मैंने ख़ुद को ख़ुद के सामने मरते देखा है, हर सांस में एक ख़लिश भरते देखा है। जो कभी मेरा आईना था, वो टूट गया, उसके हर टुकड़े में मुझे बिखरते देखा है। जिंदगी से लड़ते-लड़ते थक गया हूँ मैं, ख्वाबों को अपनी ही बाहों में सिसकते देखा है। जिन उम्मीदों का दिया जलाया था मैंने, उनको अंधेरों में धीरे-धीरे बुझते देखा है। ये हार नहीं, ये मेरी तक़दीर का हिस्सा है, मैंने अपने जज़्बातों को भी जलते देखा है। पर शायद इस जलन में भी है कोई रौशनी, क्योंकि हर राख में मैंने एक चिंगारी बनते देखा है। ©UNCLE彡RAVAN #walkingalone