मेरे अल्फाज लफ़्ज़ों के काग़ज़ पे जब बिखेरते हैं, हाले

मेरे अल्फाज लफ़्ज़ों के काग़ज़ पे जब बिखेरते हैं,
हाले दिल मेरी कलम से सदफ पे बेजा रंग भरते है//१

जालिमों से कह दो की मेहशरे अंजाम क्या होगा,
ये कमजर्फ लोग मुझसे नाहक जंग करते है//२
       
सितमगर ताउम्र लगेगी तुझे_मुझे भुलाने में,के
 जख्मी दिलों के ज़ख़्म कहाँ जल्द भरते हैं//३

ज़माना तेरी चालाकिया चालबाजियां खूब जाने
है,पर हम जान बूझकर तुझे दरगुजर करते है//४

"शमा"अब ताज्जुब न  कर ये वो दौर है,के जिसमे लोमडी_सियार भी एक साथ शिरकते सफर करते है//५      #shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
  #intezaar मेरे अल्फाज लफ़्ज़ों के काग़ज़ पे जब बिखेरते हैं,हाले दिल मेरी कलम से सदफ पे बेजा  रंग भरते है//१
                               
जालिमों से कह दो की मेहशरे अंजाम क्या होगा,ये कमजर्फ लोग मुझसे नाहक जंग करते है//२
       
सितमगर ताउम्र लगेगी तुझे_मुझे भुलाने में,के जख्मी
दिलों के ज़ख़्म कहाँ जल्द भरते हैं//३

ज़माना तेरी चालाकिया चालबाजियां खूब जाने
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#intezaar मेरे अल्फाज लफ़्ज़ों के काग़ज़ पे जब बिखेरते हैं,हाले दिल मेरी कलम से सदफ पे बेजा रंग भरते है//१ जालिमों से कह दो की मेहशरे अंजाम क्या होगा,ये कमजर्फ लोग मुझसे नाहक जंग करते है//२ सितमगर ताउम्र लगेगी तुझे_मुझे भुलाने में,के जख्मी दिलों के ज़ख़्म कहाँ जल्द भरते हैं//३ ज़माना तेरी चालाकिया चालबाजियां खूब जाने #writersofindia #poetsofindia #nojotihindi #poetrycorner #nojotocreator #shamawritesBebaak

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