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न जाने क्यों अब नजर धुंधली हो रही है जिसने पोंछे

 न जाने क्यों अब नजर धुंधली हो रही है
जिसने पोंछे थे मेरी आंख से आंसू 
नई खुशियां देकर ...
आज उसी के हाथों नए आंसू मिल रहे हैं
 हां फिर से एक बार मेरी नजर धुंधली हो रही है...

©Saba Singh
  #saba
archanasingh6120

Saba Singh

Bronze Star
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#Saba #Poetry

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