जब जब किसी अंहकारी का अंहकार अपने चरम पर पहुंचता है तब तब किसी पुरूष में महाकाल या किसी स्त्री में चंडी का रौद रूप जागरित होता है और तब सबकुछ समाप्त हो जाता है ©writer.varsha स्वाभिमान जीवन में ऐसे बहुत से लोग है। जिनको बहुत अंहकार हो गया है। समय आने पर मैं भी उनको वही स्वाद चखाऊंगी, जो आज मैं चख रही हूं। - एक भक्त की जुबान @writer.varsha #WriterVarsha #feelings #thoughts #randamthoughts #selfrespect #mannkibaat #merevichar #NojotoWritingPrompt #Nojoto