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जिन रिश्तों का हाथ थामा था मैंने आज छोड़ हाल पर मेर

जिन रिश्तों का हाथ थामा था मैंने
आज छोड़ हाल पर मेरे
वो दूर मुझसे हो गये,
दुनिया के भीड़ मे वो आज हमसे
एक अजनबी से हो गये..
कसूर बस इतना था मेरा
अपना बन! मैं उनका अपना रहा
जाने कब वो सभी
मुझसे पराये हो गये..

©जागृती.. (जय पाठक)
  #अपनेपराये