फरिश्तों क़ी फेहरिस्त मे मेरा नाम नही दिख रहा तो क्या अब मुझे हैवान बन कर जीना होगा प्यार कोई ऐसी वैसी चीज़ नही है जिसे बांध कर रखा जा सके. प्यार को शाश्वत बनाना हो तो उसे हर बंदिश से आजाद रखनाहोगा हर किश्ती क़ी फ़ितरत मे मँझधार का सुख नही होता उस किश्ती को पहले लम्बे सफर का तज़ुर्बा हासिल करना होगा अब तक हम डूढ़ते रहे जिंदगी को किताबों क़ी काली लकीरो मे अब जिंदगी को उजली धूप मे नहला कर देखना होगा ©Parasram Arora फरिश्तो क़ी फेहरिस्त