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सब में आनंद लीजिये, मौसम सभी समान जो मिल जाये खाइय

सब में आनंद लीजिये, मौसम सभी समान
जो मिल जाये खाइये, गेंहू हो या धान,

मात-पिता के प्यार का, कौन चुकाए मोल
ये भार उठा ना पायेगा, तोल सके तो तोल,

खुद हैं डाका डालते, औरों को कहते चोर
पत्थर यूँ ना फेंकिये, आसमान की ओर,

ऊंची ऊंची कोठियां, माया का भण्डार
फिर भी बोलें सेठ जी, घाटे में व्यापार,

गाड़ी ली, बंगला लिया, जोड़ा सब सामान
फिर भी घटती जा रही, चेहरे से मुस्कान,

कृपा राम की मानिये, छांव मिले या धूप
मनचाही सौगात तो, मिलती नहीं 'अनूप'।।

©Anoop Jadon #Doha
#Dohe
#दोहा

#stay_home_stay_safe
सब में आनंद लीजिये, मौसम सभी समान
जो मिल जाये खाइये, गेंहू हो या धान,

मात-पिता के प्यार का, कौन चुकाए मोल
ये भार उठा ना पायेगा, तोल सके तो तोल,

खुद हैं डाका डालते, औरों को कहते चोर
पत्थर यूँ ना फेंकिये, आसमान की ओर,

ऊंची ऊंची कोठियां, माया का भण्डार
फिर भी बोलें सेठ जी, घाटे में व्यापार,

गाड़ी ली, बंगला लिया, जोड़ा सब सामान
फिर भी घटती जा रही, चेहरे से मुस्कान,

कृपा राम की मानिये, छांव मिले या धूप
मनचाही सौगात तो, मिलती नहीं 'अनूप'।।

©Anoop Jadon #Doha
#Dohe
#दोहा

#stay_home_stay_safe