जहाँ पर हो, केवल प्यार ही प्यार, ना छल कपट हो, ना व्यभिचार, सबके दिलों में हो, खुशियाँ अपार, जहाँ रिश्तों के बीच, ना हो दीवार, बुजुर्गों का मान हो, ना हों लाचार, जहाँ भावनाओं का, ना हो व्यापार, लगे जैसे घर नहीं, हो ईश्वर दरबार, ऐसा प्यारा हो मेरे सपनों का संसार। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 12. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!