वो इश्क मुहोब्वत की बातें उसकी, और बातें बनाने का वो ढंग । गालों की वो लाली उसकी, चेहरे का वो गेहूंआ रंग। दिल में तो कुछ यूं आया, कसमें ही खा लूं साथ रहने की अब उसके संग। Read Caption ✌️ वैसे तो मैं महफिलों में दिल के ख्याल ही बतलाता हूं, चलो आज ये भी सुन लो, मैं अपनी एक सच्ची घटना सुनाता हूं। उस दिन मथुरा में फिर रूबरू हुए उससे, दिल्ली की महफिल में नैन मिले थे जिससे। पता नहीं हमें देख क्यूं वो शरमाई थी, जैसे लगा हमसे ही मिलने आई थी। बोली एक काम से मथुरा आई थी।