प्यार तो प्यार है बेहिसाब प्यार का क्या हिसाब फिर भी अगर लेना चाहो तो मैं दे सकता हूं हिसाब कि रातें गुजार दी तेरी यादों के सहारे बेहिसाब अगर तुम चाहो तो छप भी सकती है तुम पर लिखी मेरी गजलो की किताब धीरज सैनी धीर @@*** © Direct dil se प्यार तो प्यार है बेहिसाब प्यार का क्या हिसाब@@*** #Books