हर पल हर मोड़ पर, ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर कुछ शिकायतें है तुझसे, है कुछ गीले शिकवे भी; फिर भी जी रहा हूं हस कर, ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर वो वचन कुछ मेरे अपनों के,कभी दिल को है ठेस पहुंचाते ; सहन कर लेता हूं फिर भी ,अपनों को अपना मान कर; ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर पड़ाव जीवन के कुछ ऐसे,खुशी का एहसास कराते है; कांटे भी खूब हो राहों में,पार करता हूं सम्भाल कर, ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर सफल हु मैं जीवन में,कभी विफल भी हो जाता हु; प्रयास करना अभी बाकी है,कहाँ जाऊं हार मान कर; ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर कभी रहता सहमा सा,कभी यु ही मुस्कुराता हूं; कभी करता वार्तालाप स्वयं से,स्वयं को अपना मित्र मान कर; ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर दर्द जो दिए दिल को तूने,वो सब मुनासिब है; आखिर फल है मेरे कर्मो के,सह लूंगा उसे भी मैं ; खुद को खुश रख कर, ए ज़िंदगी तू मुस्कुरा कर बात कर writer :- Mohit Karanjawala🖋️🎬 ae zindagi tu muskura kar baat kar #poetrymohit