जरा सा मुंह क्या फेरा घटाओं ने,के फुरकत में बादल झूमे नहीं हैं। कहीं और दिल लग गया क्या,बड़े अरसे से तुमने मेरे लब चूमे नहीं हैं। फुरकत✍️✍️✍️✍️