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janmejaytiwari9161
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janmejay tiwari

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janmejay tiwari

किस दर पे सदाएं देने जायें, किस बुत से अपना दुखड़ा रोयें,,
किसको पास बिठा कर फ़िर से, सब कुछ भूला बिसरा रोयें,,

कभी लबरेज़ हुए रफ्तार से वो, कभी हम भी कम रफ्तार हुए,
इस ख़ामख़ाह की भाग-दौड़ में, किससे अगला पिछला रोयें,,

©janmejay tiwari किस दर पे सदाएं देने जायें, किस बुत से अपना दुखड़ा रोयें,,

किसको पास बिठा कर फ़िर से, सब कुछ भूला बिसरा रोयें,,

कभी लबरेज़ हुए रफ्तार से वो, कभी हम भी कम रफ्तार हुए,

इस ख़ामख़ाह की भाग-दौड़ में, किससे अगला पिछला रोयें,,

किस दर पे सदाएं देने जायें, किस बुत से अपना दुखड़ा रोयें,, किसको पास बिठा कर फ़िर से, सब कुछ भूला बिसरा रोयें,, कभी लबरेज़ हुए रफ्तार से वो, कभी हम भी कम रफ्तार हुए, इस ख़ामख़ाह की भाग-दौड़ में, किससे अगला पिछला रोयें,, #शायरी

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janmejay tiwari

ज़ख्मों पे इक नया ज़ख्म सिल रहीं हैं बारिशें,

कुछ इस तरह इस मोड़ पे मिल रहीं हैं बारिशें,,

अजब उलझन अजब आफत अजब हालत,

मुरझा गया है दिल और खिल रहीं हैं बारिशें,,

ज़ख्मों पे इक नया ज़ख्म सिल रहीं हैं बारिशें, कुछ इस तरह इस मोड़ पे मिल रहीं हैं बारिशें,, अजब उलझन अजब आफत अजब हालत, मुरझा गया है दिल और खिल रहीं हैं बारिशें,,

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janmejay tiwari

बिन बोले सब, बोल गया वो। उलझी गिरहें, खोल गया वो।।

इन प्यासी-प्यासी आंखों में। इश्क़ रुहानी, घोल गया वो।।

©janmejay tiwari बिन बोले सब बोल गया वो,

उलझी गिरहें खोल गया वो,,

इन प्यासी-प्यासी आंखों में,

इश्क़ रुहानी घोल गया वो,,

बिन बोले सब बोल गया वो, उलझी गिरहें खोल गया वो,, इन प्यासी-प्यासी आंखों में, इश्क़ रुहानी घोल गया वो,,

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janmejay tiwari

मोरी उजड़ी उजड़ी चाल, पिया जी,
मोरा बिसरा बिसरा हाल, पिया जी,

मोहे प्रीत है लागी, जबसे तुम्हरी,
मोरी सुधबुध सब बेहाल पिया जी,

तुम्हरे मिलन की व्याकुलता में,
दिन गुजरे जैसे साल, पिया जी,,

मोरा तुम्ही से चले फिरे है, अब,
सांसो का कारोबार, पिया जी,,

मोहे लगन है तुम्हरे चरणन की,
मोरा छूटा अब संसार पिया जी,,

तुम्हरे दरश को जो मैं पाऊँ,
फिर मोहसे सब, कंगाल, पिया जी,,

मोरे कष्ट सगल अब हर लो तुम,
मोहे कर दो मालामाल, पिया जी,,

   --जन्मेजय तिवारी

©janmejay tiwari मोरी उजड़ी उजड़ी चाल, पिया जी,

मोरा बिसरा बिसरा हाल, पिया जी,

मोहे प्रीत है लागी, जबसे तुम्हरी,

मोरी सुधबुध सब बेहाल पिया जी,

मोरी उजड़ी उजड़ी चाल, पिया जी, मोरा बिसरा बिसरा हाल, पिया जी, मोहे प्रीत है लागी, जबसे तुम्हरी, मोरी सुधबुध सब बेहाल पिया जी, #poem

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janmejay tiwari

न नींद रही न चैन रहा, ये कैसी अजब दुश्वारी है।

कुछ मिसरों के खातिर, अब तो पागलपन से यारी है।।

एक शे्र मुक्कमल हो जाए, तब तक फिर भी बेहतर है।

कुछ हर्फों पर अटक गए, फिर सांस भी दिल पर भारी है।।

✍️✍️जन्मेजय तिवारी न नींद रही न चैन रहा, ये कैसी अजब दुश्वारी है।

कुछ मिसरों के खातिर, अब तो पागलपन से यारी है।।

एक शे्र मुक्कमल हो जाए, तब तक फिर भी बेहतर है।

कुछ हर्फों पर अटक गए, फिर सांस भी दिल पर भारी है।।

न नींद रही न चैन रहा, ये कैसी अजब दुश्वारी है। कुछ मिसरों के खातिर, अब तो पागलपन से यारी है।। एक शे्र मुक्कमल हो जाए, तब तक फिर भी बेहतर है। कुछ हर्फों पर अटक गए, फिर सांस भी दिल पर भारी है।।

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janmejay tiwari

#DaughtersDay  धड़कन की रफ़्तार में अब, देखो थोड़ा तेजी है।

उसकी भोली सूरत में, हमनें लाखों खुशियां देखी हैं।।

रोज़ ख़ुदा की चौखट को, जब अश्कों से हम धोते थे।

तब जाकर सौगात में उसने, घर में बेटी भेजी है।।

✍️✍️जन्मेजय तिवारी धड़कन की रफ़्तार में अब, देखो थोड़ा तेजी है।

तेरी भोली सूरत में, मैंने लाखों खुशियां देखी हैं।।

रोज़ ख़ुदा की चौखट को, जब अश्कों से हम धोते थे।

तब जाकर सौगात में उसने, घर में बेटी भेजी है।।

धड़कन की रफ़्तार में अब, देखो थोड़ा तेजी है। तेरी भोली सूरत में, मैंने लाखों खुशियां देखी हैं।। रोज़ ख़ुदा की चौखट को, जब अश्कों से हम धोते थे। तब जाकर सौगात में उसने, घर में बेटी भेजी है।। #DaughtersDay #Shayari

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janmejay tiwari

जब उसको ही सब सौंप दिया, तो अब वो ही ये दस्तार संभाले।

हमको इश्क़ है केवल भोले से अब, हमको वो ही, यार संभाले।।

बस एक उसकी ख्वाहिश में हम कांटों पर भी दौड़ रहे हैं।

अरे गिरते हैं तो गिर जाएं हम, अब वो ही ये रफ्तार संभाले।।

✍️✍️जन्मेजय तिवारी जब उसको ही सब सौंप दिया, तो अब वो ही ये दस्तार संभाले।

हमको इश्क़ है केवल भोले से अब, हमको वो ही, यार संभाले।।

बस एक उसकी ख्वाहिश में हम कांटों पर भी दौड़ रहे हैं।

अरे गिरते हैं तो गिर जाएं हम, अब वो ही ये रफ्तार संभाले।।

जब उसको ही सब सौंप दिया, तो अब वो ही ये दस्तार संभाले। हमको इश्क़ है केवल भोले से अब, हमको वो ही, यार संभाले।। बस एक उसकी ख्वाहिश में हम कांटों पर भी दौड़ रहे हैं। अरे गिरते हैं तो गिर जाएं हम, अब वो ही ये रफ्तार संभाले।। #Shayari

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janmejay tiwari

Read The Caption क्या क्या तो दुश्वारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें।

तलब हुनर की जारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें।।

हिज्र में अक्सर लोगों की, हालत नाजुक हो जाती है।

ये गम भी हमपर तारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें।।

क्या क्या तो दुश्वारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें। तलब हुनर की जारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें।। हिज्र में अक्सर लोगों की, हालत नाजुक हो जाती है। ये गम भी हमपर तारी है, पर दर्द मयस्सर नहीं हमें।। #Shayari

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janmejay tiwari

😅यहां कुछ बाबा रामदेव के समर्थकों का कहना है, कि हम स्वदेशी अपनाएंगे।

तो कोरोना का पूर्णतया विरोध करेंगे और मलेरिया,डेंगू को अपनाएंगे।।
😜🤣😂 just for fun🤣🤣✍️✍️

just for fun🤣🤣✍️✍️ #कॉमेडी

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janmejay tiwari

दबे, कुचले, सताए, मेरे मुल्क को अब थोड़ा गुरूर, थोड़ा गुमान चाहिए।

इन सियासतदारों की ओछी हरकतों पर कसी नकेल और लगाम चाहिए।।

नफरतों से जुदा अब, मज़हबी मोहब्बत की अलग पहचान चाहिए।

मेरे मुंह से आदाब, तुम्हारे मुंह से निकले राम राम, बस यही हिंदूस्तान चाहिए।।

     -- जन्मेजय तिवारी बस यही हिंदूस्तान चाहिए ✍️✍️✍️

बस यही हिंदूस्तान चाहिए ✍️✍️✍️ #विचार

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