मरहम मत लगाओ तुम ये जख्म गहरा ही रहने दो पता नहीं क्यूँ एक घुटन सी होने लगी है आजकल उजालों से बत्तियां भी बुझा दो सारे अँधेरा ही रहने दो ©Rahul Roy #oldage