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आओ की कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते वरना ये रात आज

आओ की कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते
वरना ये रात आज के रंगीन दौर की
डस लेगी जान-ए-दिल को कुछ ऐसे
की जान-ओ-दिल
ताउम्र कोई हँसी न ख्वाब बुन सके

©SHIVAM TIWARI
  #Khawb