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White एक तोता होता है वो सोचता है कास मैं भी कभी

White एक तोता होता है वो सोचता है 
कास मैं भी कभी पिंजरे के उस पार खुली आसमान में अपना पंख फैला पाता 
तभी अचानक पिंजरा जमीन पर धड़ाम से गिरता है 
दरवाजा जो पिंजरे में लगा था वो टूट जाता है 
और पंछी आजाद हो जाता है 
वो बाहर निकलता है अपने पंखों को पूरी शक्ति से फड़फड़ाता है 
और खुली आसमान में निकल जाता है 
पूरे दिन वो उधर से इधर,इधर से उधर उड़ता रहता है 
और शाम होते ही एक वृक्ष के डाल में बैठ जाता है 
उस दिन वो बड़े सुकून से पेड़ के डाल में ऐसे सो जाता है 
जैसे एक शिशु अपने मां के गोद में
थोड़ी देर बाद तोता पेड़ में लगे फलों को खाने लगता है 
थोड़ा आम का थोड़ा जामुन का तो बेर का फल 
खा खा के मौज से नीचे गिरा रहा होता है 
भूख भी तो जोरो की था खाने का इतना वैरेटी देख वो बड़ा प्रसन्न रहता है 
पर इसला सुकून ज्यादा वक्त का नही होता  
सुबह होते ही उस पेड़ के पास एक माली आता है 
उसकी आने की आहट सुन तोता तुरंत वहा से 
दूर एक कुटिया में जाकर बैठ जाता है 
तभी उसकी नजर एक बच्चे पे पड़ता है 
जो भूख से बिखला रहा होता है मां से खाने की जिद करता है 
मां भी कहती है रुक जा बेटा थोड़ी देर गुजर जाने दे अभी पानी पीले थोड़ा दिन को और ढल जाने दे फिर खा लेना बच्चा कहता है क्यों मां 
मां कहती है बेटा रोटी एक है दिन पूरे 24 घंटे का है अभी खा लेगा तो बाद में भूख लगेगी तो क्या खायेगा
 उनकी इस बात को सुन तोता द्वंद में पड़ जाता है
सोचता है भगवान इनके पास आजादी है पर खाने को खाना नही 
मेरे पास खाना है पर जीवन में आजादी नहीं 
मैं सोच रहा था आजाद है वो कितने सुखी है 
पर इनके भूख को देख मुझे मेरा गुलामी ही प्रिय लग रहा
तभी मां रोटी का छोटा सा टुकड़ा तोते की ओर फेंकता है 
तोता यह देख चौंक जाता है चौकने का बात ही था 
जेब भरी हो तो दान करना आसान होता है 
खाली हो तो उतनी ही कठिन
पर यह कठिन कार्य मां कितने सहज भाव से कर दी 
तोता से रहा नही गया तोता ने मां से पूछ लिया 
मां भूखी तो तुम भी हो ये रोटी का निवाला तुम भी तो खा सकते थे पर तुमने मुझे क्यों दिया 
मां मुस्कुराई और बोली बेटा पेट चाहे इंसान का हो या पंछी का भूख तो सबको लगती है 
और रही बात मेरे भूख की तो ऊपर वाला उसे भी भर देगा इतना सुन तोता के आंखो में आशु आने लगता है इतने में 
दहलीज में उसका पति का आना  होता 
गमछे में कुछ बांध रखा होता है जब वो गमछा खोलता है उसमें से बहुत सारे मीठे मीठे फल निकलते हैं पर सभी फलों में एक समानता होती है उस फल को कोई थोड़ा थोड़ा खाकर छोड़ दिया होता है 
तोता की नजर मां के पति पर पड़ता है वो वही माली होता है जिसे देख वो भागा था 
और वो वही फल होता जिसे खाकर तोता ने छोड़ दिया था 
इस दृश्य को देख तोता को यकीन हो जाता है के जो दोगे तुम्हे वही मिलेगा

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  तोता को मिला जीवन का मूल मंत्र#sad_shayari
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