रूह के आँगन में फूल खिलता है माँ के प्यार का दुनिया की जब सारी पनाहगाहें पनाह देने से कर देती हैं इनकार माँ की दुआ दिखा देती है आज़ादी की राह और हमें बुलाने लगती है उफ़क़ के पार की राहत # माँ की दुआ