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शब्दों को समझना बहुत ही कठिन हो रहा हैं,आजकल सब ऑन

शब्दों को समझना बहुत ही कठिन हो रहा हैं,आजकल सब ऑनलाइन हो रहा हैं,
लगता हैं, जमाना दो की जगह दस कदम आगे बढ़ रहा हैं,
परिस्थितियां सब वहीं हैं, बस सॉल्यूशन का तरीका बदल रहा हैं,
लम्बी लम्बी दूरियों का चलन चल रहा हैं, इंटरनेट भी अपना कमाल दिखा रहा हैं,
विज्ञान तो दुनिया में कहीं पहुँच गया हैं, धीरे धीरे सब बदल रहा है,
इंसानों के मुँह पर मास्क आ गया हैं, मेडिकल तो पता नही किस ओर ले जा रहा हैं,
धर्म भी सभी एक हो गए हैं, बस सब अपने- अपने लोगो की ज़िंदगी के मुनासिब हो गए हैं,
भावनाएं भी अहम हो गयी हैं, समाज की समझ बेहतरीन हो गयी हैं,
धीरे धीरे सब एक सा हो रहा है,  इंसान भी अच्छी तरह बरताव कर रहा हैं,
मानसिकता में भी फर्क आ रहा हैं, आज का इंसान सभी को अपने समान मान रहा है,

©अर्पिता #ऑनलाइन
शब्दों को समझना बहुत ही कठिन हो रहा हैं,आजकल सब ऑनलाइन हो रहा हैं,
लगता हैं, जमाना दो की जगह दस कदम आगे बढ़ रहा हैं,
परिस्थितियां सब वहीं हैं, बस सॉल्यूशन का तरीका बदल रहा हैं,
लम्बी लम्बी दूरियों का चलन चल रहा हैं, इंटरनेट भी अपना कमाल दिखा रहा हैं,
विज्ञान तो दुनिया में कहीं पहुँच गया हैं, धीरे धीरे सब बदल रहा है,
इंसानों के मुँह पर मास्क आ गया हैं, मेडिकल तो पता नही किस ओर ले जा रहा हैं,
धर्म भी सभी एक हो गए हैं, बस सब अपने- अपने लोगो की ज़िंदगी के मुनासिब हो गए हैं,
भावनाएं भी अहम हो गयी हैं, समाज की समझ बेहतरीन हो गयी हैं,
धीरे धीरे सब एक सा हो रहा है,  इंसान भी अच्छी तरह बरताव कर रहा हैं,
मानसिकता में भी फर्क आ रहा हैं, आज का इंसान सभी को अपने समान मान रहा है,

©अर्पिता #ऑनलाइन