Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज मैंने आईने में खुद को देखा, और कुछ पल मैं ठहर स

आज मैंने आईने में खुद को देखा,
और कुछ पल मैं ठहर सी गयी,
कितनी बदल गयी हूं मैं,
शायद.. मैं ऐसी तो नहीं थी,जैसी दिख रही थी,
खुद से ही बातें करने लगी,
और उन सवालों को दोहराने लगी,
जो कभी सोचने की जरूरत ही नहीं पड़ी,
मुस्कुरा तो रही थी, मगर... नम आँखें साथ नहीं दे रही थी,
कह रही थी खो आयी हो तुम खुद को,
देखो, तुम जो थी वही रहना,
दुनियां की बातों से ना खुद को बदलना,
ये आईना हैं सच दिखाता हैं,
देखो खुद को, बदल गयी हो तुम,
या भूल गयी हो जीना |

©Sonam kuril
  भूल गयी हो जीना #aprilpoem
sonamkuril1938

Sonam kuril

New Creator

भूल गयी हो जीना #aprilpoem #ज़िन्दगी

774 Views