जब हम ठानतें हैं फिर कहां मनातें हैं हो दुर्गम राह चाहे हो पहाड़ हर मुश्किलों में अडिग रहना जानतें हैं न डरते हैं सिंह की दहाड़ से न विषधारी किसी फुफकार से प्रण और प्रतिज्ञा से करते है जब कुछ भी निष्ठा से फिर कहां हारते हैं। जब हम ठानते हैं फिर कहां ..... ©M.S Rind" #करते हैं कुछ भी करते हैं निष्ठा से #walkingalone