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हर बार की तरह अबकी बार भी उसका बलात्कार हुआ। शादी

हर बार की तरह अबकी बार भी उसका बलात्कार हुआ।

शादी के बाद जैसे-जैसे दिन ढलते गए और धीरे-धीरे अनबन शुरू होती गई। छोटी-छोटी बातों को लेकर जिससे रिश्ता में खटास आनी शुरू हो जाती है और खटास इतनी बढ़ जाती है कि मनमुटाव होने लगता है। फिर अच्छा नहीं लगता एक दूसरे के साथ रहना बातें करना साथ बैठना साथ उठना और रात को फिर एक ही बिस्तर पर सोना और कुछ आदत ऐसी होती है जिससे मजबूर होते हैं या फिर कहें अपने सुख के लिए स्त्री का सहारा लेना पड़ता है और पहले तो हम प्यार में थे संभोग करते थे पर अब बात यह है कि जब स्त्री के अंदर खटास आ जाए तो अपने तन को उससे स्पर्श तक नहीं करवाना चाहती। पुरुष प्रधान देश है हर जगह स्त्री की नहीं चल पाती उसके आगे मजबूर होना पड़ता है उसको। तब वहां पर उसका जिस्म नोचा जाता है एक बार नहीं बार-बार। वो अभागन सुहागन होते हुए भी विधवा हो जाती है और अपने पति को हमेशा के लिए त्याग देती है। वह कभी नहीं अपनाती फिर उसको दिल से बस समाज की नजरों में वो रिश्ते निभाती है, अपने बच्चों के लिए और फिर जब भी संभोग होता है तो वह उसको अपनी नजरों में बलात्कार ही समझती है प्यार नहीं। हर बार की तरह अबकी बार भी उसका बलात्कार हुआ।

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