White उलझने हैं बहुत... सुलझा लिया करता हूँ , फोटो खिंचवाते वक़्त मैं अक्सर... मुस्कुरा लिया करता हूँ , क्यूँ नुमाइश करूँ मैं, अपने माथे पर शिकन की, मैं अक्सर मुस्कुरा के इन्हें.. मिटा दिया करता हूँ, क्योंकि.. जब लड़ना है खुद को खुद ही से, हार-जीत में इसलिए कोई फ़र्क नहीं रखता हूँ। हारूं या जीतूं कोई रंज नहीं, कभी खुद को जिता देता हूँ, कभी खुद से जीत जाता हूँ.....! ज़िंदगी तुम बहुत खूबसूरत हो, इसलिए मैंने... तुम्हें, सोचना बंद और.... जीना शुरू कर दिया है...। ~❤️ ©पूर्वार्थ #Yatra