अपनों से वफ़ा की उम्मीद कर बैठा ! वो पत्थर लाए और मैं हीरे समझ बैठा! अपनों को लुटाया मैंने खूब प्यार बेहिसाब लेकिन उनसे मेरे लिए दो पल का वक़्त न निकल सका #यक़बाब #pyaar #day #night