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पूरा कैप्शन में पढ़ें.......... मैं सच कहता हूं, क

पूरा कैप्शन में पढ़ें.......... मैं सच कहता हूं,
कोई बारिश नहीं होती।
ये तो उसकी आंखों से निकले आंसू हैं,
जो आसमान से अनायास ही टपक जाते हैं।।

ये मेघ नहीं हैं,
ये उसके आजानुलंबित बिखरे हुए केश हैं।
जिनके रंक से होकर कभी सूर्य का प्रकाश,
पूरा कैप्शन में पढ़ें.......... मैं सच कहता हूं,
कोई बारिश नहीं होती।
ये तो उसकी आंखों से निकले आंसू हैं,
जो आसमान से अनायास ही टपक जाते हैं।।

ये मेघ नहीं हैं,
ये उसके आजानुलंबित बिखरे हुए केश हैं।
जिनके रंक से होकर कभी सूर्य का प्रकाश,
shashwatrai8356

Shashwat Rai

New Creator

मैं सच कहता हूं, कोई बारिश नहीं होती। ये तो उसकी आंखों से निकले आंसू हैं, जो आसमान से अनायास ही टपक जाते हैं।। ये मेघ नहीं हैं, ये उसके आजानुलंबित बिखरे हुए केश हैं। जिनके रंक से होकर कभी सूर्य का प्रकाश, #Hindi #poem #yqbaba #हिंदी #hindipoetry #yqdidi