पूरा कैप्शन में पढ़ें.......... मैं सच कहता हूं, कोई बारिश नहीं होती। ये तो उसकी आंखों से निकले आंसू हैं, जो आसमान से अनायास ही टपक जाते हैं।। ये मेघ नहीं हैं, ये उसके आजानुलंबित बिखरे हुए केश हैं। जिनके रंक से होकर कभी सूर्य का प्रकाश,