साहिल पर खड़े होकर मैंने सोचा, बहुत सोचा ज़िन्दगी के समंदर पर परेशानियों की लहरों में, कुछ खुशियों की लहरों में गमों की लहरों में एक दूसरे के संग ज़िन्दगी में समंदर में ना जाने कब हम किसी साहिल को छूने की ख्वाहिश में सुकून को पाने की तलाश में कितनी लहरें उठती हैं आगे आती और फिर वापिस चले जाती हैं..! ©Rushda Sadaf साहिल पर.... #rushdasadaf #नज़्म #ज़िन्दगी #साहिल #समंदर #हिंदी