मेरा वक़्त मेरे करीब थी,ज़िन्दगी थोड़ी अजीब थी, सुकून तो अब मिला उसकी बाहों में, पहले हाथो की लकीरें ही बदनसीब थी।। अब नींद आती है मुझे चैन से जनता हूं इश्क उसका सिर्फ मेरे लिए है उसके चयन से कहते है मोहबब्त की लकीरें तो रब लिखता है जान लिया मैंने बहुत देर लगा दी आने में मेरी जिंदगी में अब पहचान लिए मैने।। ©कव्यप्रिंस #Time #Faith #natural #Nojoto #Life #me #my #no #shayri #Poet