White मेरा जनाज़ा यही खाट पर मेरी लाश पड़ी होगी आंखों में सबके अश्क़ भरी होगी कुछ दोस्त भी किनारे खरा होगा यहीं तक का सफर था यही कह रहा होगा अब सफेद पोश लिबास पहनाया जा रहा होगा अतर भी छिड़का जा रहा होगा खाट एक हुजुम से घिरा होगा बाबा के आंखों में आंसू लिपटा होगा माँ को अभी भी यकीं नहीं आ रहा होगा शाम हो गई है बेटा दफ्तर से लौट रहा होगा सब होंगे मेरे कब्र के इर्द गिर्द सबको अपनी ही जल्दी होगी बाबा आपकी निगाह मेरे सर के जानिब होगी न जाने मेरी रुख किस तरफ मूरी होगी ©Ahmad Raza #Sad_Status #मेरा जनाज़ा