तुम्हारी ज़िद जायज़ है रिश्तों को छत नीचे बैठाने की एक घर बनाने कि इस पर अरे रहना थोड़ी घुप लगेंगी थोड़े पांव जलेंगे ज़िद की छतरी ओढ़ कुछ पल खड़े रहना ध्यान रहे...! घर की दीवारें इंटो पर ही टिकी होनी चाहिए घर की फर्शे किसी की आंसुओ से न भीगी होनी चाहिए ( अधूरे सपनो की अधूरी कविता) ~ सोनु यादव ©Sonu yadav #Life #jivan #House #BuildingSymmetry