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साल दर साल बीतते गए मैं से जाने कब हम हो गए। अठारह

साल दर साल बीतते गए
मैं से जाने कब हम हो गए।
अठारह वर्षो का साथ 
बीतने का अहसास ही न हुआ।
अनबन, रूठना मनाना 
रिश्ते को अटूट करता गया।
मानो कल की ही बात है
एक दूसरे से अनजान, 
परिणय सूत्र में बंधे हम।
आज एक मुक्कमल जहां में
खुशियों की राह में
बड़ी दूर निकल आए है।
बहुत सुनहरी यादों के साथ।
अभिमान के अभिभावक बन
नैया चलती गई हम बढ़ते रहे
आगे भी यूँ ही ये सफर चलाएँगे।
हर वर्ष जोड़ नई यादें
बहुत वर्षगांठो को संजोएगे। #anniversary_special
साल दर साल बीतते गए
मैं से जाने कब हम हो गए।
अठारह वर्षो का साथ 
बीतने का अहसास ही न हुआ।
अनबन, रूठना मनाना 
रिश्ते को अटूट करता गया।
मानो कल की ही बात है
एक दूसरे से अनजान, 
परिणय सूत्र में बंधे हम।
आज एक मुक्कमल जहां में
खुशियों की राह में
बड़ी दूर निकल आए है।
बहुत सुनहरी यादों के साथ।
अभिमान के अभिभावक बन
नैया चलती गई हम बढ़ते रहे
आगे भी यूँ ही ये सफर चलाएँगे।
हर वर्ष जोड़ नई यादें
बहुत वर्षगांठो को संजोएगे। #anniversary_special