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एक दूजे का साथ निबाहे, साथ रहे जब दो हमदम। अब तो

एक दूजे का साथ निबाहे, 
साथ रहे जब दो हमदम।
अब तो विरह काट रहे 
बिछड़े जब से दो हमदम। 
कोयल पल पल कूक रही है
 जाने क्यों है मन चंचल,
तितली भौरे भूल गए थे,
 हरदम रहता नहीं बसंत।

©AshuAkela
  #Likho maya teri bahut kathin hai raam
ashuakela5416

AshuAkela

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#Likho maya teri bahut kathin hai raam #शायरी

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