खुदा के हाथों की सबसे प्यारी रचना है मां, प्यार ,दया, ममता की संरचना है मां। मां तेरे प्यार की किससे तुलना करूं तेरे रूप की कौनसी कल्पना करूं। कभी ममता की मूरत है तू, कभी निपुण शिक्षक है तू, कभी ना हार, मानने वाली वीरांगना है तू, बच्चे के होठों की पहली वंदना है तू, सच बताऊं मां हमारे घर की अल्पना (सुंदरता) है तू। मां मैंने तुझे ही जाना है जिसने खुदगर्जी का लफ्ज़ ही नहीं जाना है। तेरी दुआओं का ही जवाब हु मां, तेरे आंसुओं के कारण आज कामयाब हूं मां । तेरा और कितना बखान करूं मां समुंदर की तरह विशाल है मां । झरने की तरह हमेशा उमड़ता प्यार है मां बच्चे की होठों की मुस्कान है मां। जिसे कभी ना चुका सकूं खुदा का वो एहसान है मां। सच बताऊं तो हम सबका अभिमान है मां तू महान है मां हां तू महान है मां। नीरज नील ््् #poetry maa