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हर रोज हीरे सा तराशा हैं मैंने खुदको कोई रत्ती भर

हर रोज हीरे सा तराशा हैं मैंने खुदको
कोई रत्ती भर भी छुए मेरे गुरुर को तो मुझसे बर्दास्त नहीं होता
और उसने तो अजगर के घर पर आंखे गड़ाई है
सोचा कैसे वो जिंदगी से बर्खास्त नहीं होता

©Sudhanshu gautam dialogue like Bollywood villains 😎

#doubleface
हर रोज हीरे सा तराशा हैं मैंने खुदको
कोई रत्ती भर भी छुए मेरे गुरुर को तो मुझसे बर्दास्त नहीं होता
और उसने तो अजगर के घर पर आंखे गड़ाई है
सोचा कैसे वो जिंदगी से बर्खास्त नहीं होता

©Sudhanshu gautam dialogue like Bollywood villains 😎

#doubleface