संघर्ष की कोई सीमा नहीं दोषारोपण की भी मंशा नहीं चल रहे हैं अनवरत मार्ग जो मिलता रहा आखरी पड़ाव पर आंकलन होगा जरूर कौन गिराने की फिराक में कितना गिरा और कौन किसी को गिराए बगैर अन्त तक खड़ा रहा बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla KK क्षत्राणी