मैं अक्सर सपने में तुम्हे देखता था, झूला झूलते हुए| तुम झूलती हुई मेरे पास आती,और फिर लौट जाती| सिलसिला चलता रहता| सुबह तक यही उम्मीद रहती, की शायद एक बार तुम पहुँच ही जाओगी मुझ तक| अपने बीच मानो, एक हाथ भर की दूरी हो, और हर बार ये गुमाँ होता की तुम और नज़दीक आ रही हो, पर तुम छू नही पाती मुझको, फिर भी| और अगर कभी मैं हाथ बढाता, तो सपना टूट जाता था मेरा| तुम्हारे सपनों ने तंग कर रखा था मुझे| तुम्हारे ख़्वाब अब परेशां नही करते मुझको| तुम अब भी आती हो सपनों में| अब भी झूलती रहती हो उस झूले में| पर अब मैं तुम्हारे सामने खड़ा नही होता हूँ| कुछ दूर, किनारे मौजूद, बस देखता रहता हूँ तुमको| कोई उम्मीद नही अब, की शायद तुम पहुँच ही जाओ मुझ तक| तुम्हारे सपने अब भी आते है, पर अब तंग नही करते!! #writeup #originalwriting #lovetowrite #feelings #mythoughts #memories #heartbeat #pondering